ABOUT US

ABOUT US

कैथल नगर जोकि कपिस्थल के नाम से जाना जाता है, श्री हनुमान जी की जन्म भूमि का गौरव भी इसी स्थल को प्राप्त है। प्राचीन काल से शहर का सामाजिक, राजनैतिक तथा धार्मिक महत्व रहा है, चूंकि यह कुरूक्षेत्र भ्ूमि में शामिल है। भगवान श्री कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर से इसी नगर में नवग्रहों का पूजन करवाया था जो शहर विभिन्न कुण्डों के नाम से प्रसिद्ध है। सारे भरतवर्ष में कांशी के उपरान्त 11 रूद्र जो कि भगवान शिव के गणों का प्रतिक है का स्थान श्री ग्यारह रूद्री शिव मन्दिर भी इसी स्थान पर है। इस नगर के माध्यम में एक ष्वृद्ध केदारेश्वरष् नामक तालाब भी है, जिसका वर्णन पुराणों में भी है।

प्राचीन काल में यह शहर आठ दरवाजों, नामतः 1 कोठी गेट 2 क्योड़क गेट 3 माता गेट  4 सीवन गेट  5 डोगरा गेट  6 प्रताप गेट  7 चंदाना गेट  8 रेलवे गेट के अंदर तक ही सीमित था।

राजनैतिक दृष्टि से इस शहर का महत्व इसलिए बढ़ जाता है, के सुलतान अल्तमश की बेटी ‘रजिया बेगम’ जिसे प्रथम मुस्लिम महिला राजा होने का श्रेय प्राप्त था, का मकबरा भी इसी नगर में है । आर्थिक दृष्टि से यह शहर शुरू से ही अग्रणी रहा है।  कैथल की अनाज मंडी, हरियाणा प्रांत में अनाज की आमद के हिसाब से प्रथम स्थान पर है।

नगर में बतौर नगरपालिका की स्थापना पालिका के रूप में सन् 1894 में हुई थी व सन 1993 में नगर पालिका कैथल को बतौर नगर परिषद का दर्जा प्राप्त हुआ था । सन् 2011 की जनगणना के आंकडों के आधार पर नगरपरिषद, कैथल की सीमा के अंतर्गत 144915 की जनसंख्या है। इस नगरपरिषद की जनगणना के आधार पर इसे 31 वार्डों में बांटा हुआ है। इन वार्डों में से वार्ड न0 23 व 29 पिछड़ा वर्ग तथा 1,3,5,12,31 अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए व वार्ड न0 7,9,10,16,18,26 तथा 27 सामान्य जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है।

कैथल में एक रेलवे स्टेशन है जो कुरूक्षेत्र-नरवाना रेलवे लाइन से जुड़ा हुआ है । शिक्षा हेतू तीन महाविद्यालय आर.के.एस.डी., इन्दिरा महिला महाविद्यालय तथा गर्वनमैंट महाविद्यायल है तथा एक आई.टी.आई. भी है ।